मसूरी में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट, कश्मीर हमले और केम्पटी फॉल में जल उफान ने डाला गहरा असर
उत्तर भारत का प्रसिद्ध हिल स्टेशन मसूरी, जिसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है, इस समय एक अप्रत्याशित मंदी का सामना कर रहा है। जहां हर साल गर्मियों की छुट्टियों के दौरान यहां लाखों सैलानी उमड़ते हैं, वहीं इस साल पर्यटकों की संख्या में करीब 20 से लेकर 30 प्रतिषत तक की गिरावट देखी जा रही है। स्थानीय व्यापारियों, होटल मालिकों और पर्यटन विभाग के अनुसार इस गिरावट के पीछे कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले और केम्पटी फॉल में जल उफान जैसी प्राकृतिक घटनाएं प्रमुख हैं। पिछले महीने कश्मीर के पुलवामा जिले में हुआ आतंकी हमला, जिसमें कई बेगुनाह पर्यटकों की जान चली गई, ने पूरे उत्तर भारत में दहशत का माहौल बना दिया। हालाँकि मसूरी कश्मीर से सैकड़ों किलोमीटर दूर है, लेकिन आम पर्यटक की नजर में उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र एक ही भौगोलिक श्रेणी में आता है। इससे विशेषकर बाहरी राज्यों के पर्यटकों ने अपनी उत्तर भारत की ट्रिप रद्द कर दी या स्थगित कर दी।
पर्यटन विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार की घटनाओं का प्रभाव पूरे हिमालयी क्षेत्र के पर्यटन पर पड़ता है, खासकर जब सुरक्षा को लेकर अफवाहें और डर का वातावरण हो। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत से आने वाले सैलानियों ने अपनी बुकिंग्स कैंसिल की हैं। वही दूसरी ओरमसूरी का सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल केम्पटी फॉल हाल में हुई बारिष से अचानक तब सुर्खियों में आया जब फॉल का पानी का स्तर कुछ समय के लिये अचानक बढ़ गया। जिसको लेकर सोशल मीडिया में दुष्प्रचार किया गया जिससे कैम्पटी आने वाले लोगों में डर का माहौल व्याप्त हो गया। जबकि तेज बारिश को देखते हुए कैम्पटी पुलिस द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से पहले ही अस्थायी रूप से जलप्रपात के पास जाने पर रोक लगा दी थी। स्थानीय लोगों ने कैम्पटी फॉल की घटना को “प्राकृतिक जल घटना” बताया, लेकिन पर्यटकों के बीच यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और उसे डर का माहौल बना दिया। कई पर्यटकों ने तो होटल में रहते हुए ही अपने प्लान बदल लिए और समय से पहले वापस लौट गए।
पर्यटकों की कमी का सीधा असर मसूरी की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। होटल मालिकों से लेकर रेहड़ी-पटरी वाले तक सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड होटल एसोसिएषन के प्रदेष अध्यक्ष संदीप सहानी ने बताया कि पिछले साल मई के पहले हफ्ते में उत्तराखंड के होटल में 80 प्रतिषत ऑक्यूपेंसी थी, इस बार कष्मीर हमले और कैम्पटी फॉल क ेजल स्त्र बढने की खबर के बाद 20 से 30 प्रतिषत की गिरावट दर्ज की जा रही है। कई र्प्यटकों की एडवांस में की गई बुकिंग को भी कैसिल कर दी है। रेस्टोरेंट, गाइड, टैक्सी चालक, फोटोग्राफर, हस्तशिल्प विक्रेता कृ सभी की कमाई पर गहरा असर पड़ा है। मसूरी में पर्यटन ही मुख्य आय स्रोत है और ऐसे में यह गिरावट उनके लिए आर्थिक संकट लेकर आई है। वही मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद मसूरी और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हुआ था परन्तु 4 मई को मसूरी और आसपास के क्षेत्र में हुई तेज बारिश के कारण कुछ समय के लिये कैम्पटी फॉल के जलस्तर बढ़ने की खबर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मसूरी और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है उन्होंने कहा कि लगातार पूर्व में हुई बुकिंग कैंसिल हो रही है जबकि सोशल मीडिया में दिखाया गया कैम्पटी फॉल का जल स्तर कुछ देर के लिये था तो कुछ समय बाद अपने पुराने स्वरूप में लौट आया था। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और सरकार को मसूरी और अन्य पर्यटन स्थलों को लेकर एक बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए जिससे मसूरी में पर्यटन व्यवसाय को पटरी में लाया जा सकें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रचार अभियान चलाया जा जाये जिससे पर्यटकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा सके।