मसूरी में उत्तराखंड परिवहन विभाग की बस हुई खराब, लगा लंबा जाम , यात्री परेशान
मसूरी के प्रमुख पर्यटन स्थल लाइब्रेरी मार्ग पर रविवार को उत्तराखंड परिवहन विभाग की एक बस अचानक खराब हो गई, जिससे मार्ग पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। इस कारण स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मसूरी घूमने आए पर्यटकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस में तकनीकी खराबी के चलते वह बीच सड़क में ही बंद हो गई। चूँकि यह मार्ग मसूरी के मुख्य प्रवेश और निकास मार्गों में से एक है, इसलिए कुछ ही मिनटों में सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई पर्यटक अपने निर्धारित कार्यक्रमों में देरी से पहुंचे, वहीं स्थानीय निवासियों को भी आवाजाही में काफी दिक्कत हुई। पुलिस और प्रशासनिक तंत्र ने तत्परता दिखाई और सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर तत्काल प्रभाव से जाम खुलवाने की कोशिशें शुरू कर दीं। ट्रैफिक पुलिस की मदद से बस को धीरे-धीरे सड़क के किनारे कराया गया, और लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद यातायात को आंशिक रूप से सुचारु किया गया।स्थानीय निवासियों और पर्यटकों ने उत्तराखंड परिवहन विभाग पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि मसूरी जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पर्यटन स्थल पर आज भी पुरानी और जर्जर बसों का संचालन किया जा रहा है, जो ना केवल असुविधाजनक हैं, बल्कि आए दिन खराब हो जाने से यातायात में बाधा भी उत्पन्न करती हैं। एक पर्यटक, राधिका वर्मा (दिल्ली निवासी) ने बताया, “हम परिवार के साथ मसूरी घूमने आए हैं और होटल पहुंचने में करीब दो घंटे की देरी हुई। यह प्रशासन की बड़ी लापरवाही है कि इस तरह की पुरानी बसों को अभी तक हटाया नहीं गया है। स्थानीय व्यापारी संगठन और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना को गंभीर मानते हुए प्रशासन से मांग की है कि मसूरी में पुरानी बसों को तत्काल हटाया जाए और उनकी जगह नई, सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम बसें चलाई जाएं। साथ ही, तकनीकी जांच के बिना किसी भी वाहन को पहाड़ी मार्गों पर संचालन की अनुमति न दी जाए। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि “बस को तुरंत किनारे करवा दिया गया था और यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया। हम जल्द ही पुराने वाहनों की स्थिति की समीक्षा करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें हटाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।”
ता दे कि मसूरी देहरादून मार्ग पर अकसर परिवहन विभाग की बसे खराब हो रही है जिससे यात्रियों का काफी परेषानियों का का सामना करना पडता है यह घटना न केवल उत्तराखंड परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि मसूरी जैसे संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर बेहतर यातायात प्रबंधन और आधुनिक परिवहन साधनों की अनिवार्यता को भी दर्शाती है।