श्रीनगर नगर निगम का ऐतिहासिक निर्णय-अब हर दुकान पर लगेगा मालिक का नाम,पारदर्शिता और सामाजिक सौहार्द को मिलेगा नया आयाम
श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर नगर निगम की मेयर आरती भंडारी ने एक दूरदर्शी,साहसिक और सामाजिक रूप से जिम्मेदार निर्णय लेकर नगर की छवि और व्यवस्था को एक नई दिशा दी है। नगर निगम क्षेत्र में अब प्रत्येक दुकान पर मालिक का नाम स्पष्ट रूप से अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस निर्णय को प्रशासनिक पारदर्शिता,धार्मिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द की दृष्टि से एक मील का पत्थर माना जा रहा है। इस निर्णय की घोषणा करते हुए मेयर आरती भण्डारी ने कहा कि,हमारा उद्देश्य सिर्फ व्यापारिक गतिविधियों को सुचारु बनाना नहीं,बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि नगर में हर नागरिक को यह विश्वास रहे कि यहां का प्रशासन सभी धर्मों,जातियों और समुदायों का सम्मान करता है। मेयर ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय किसी विशेष वर्ग को लक्षित नहीं करता,बल्कि जन भावनाओं के सम्मान,धार्मिक आयोजनों की गरिमा और भ्रम की स्थितियों को दूर करने के उद्देश्य से लिया गया है। नगर में आगामी कावड़ यात्रा,नवरात्रि,पितृ पक्ष और श्राद्ध मास जैसे धार्मिक अवसरों को दृष्टिगत रखते हुए यह कदम समयोचित और संवेदनशील प्रशासनिक हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है। नगर निगम के इस निर्णय के तहत अब यह आवश्यक होगा कि दुकानों के साइनबोर्ड या फ्रंट पर दुकानदार का वास्तविक नाम स्पष्ट रूप से लिखा जाए। साथ ही, ऐसे नामों या प्रतीकों के उपयोग से परहेज़ किया जाए जो किसी अन्य धर्म या समुदाय से भ्रामक पहचान बना सकते हैं। इस निर्णय को लेकर नगर व्यापार मंडल,स्थानीय नागरिकों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया है। व्यापारियों का कहना है कि इससे न केवल भाईचारा और पारदर्शिता को बल मिलेगा,बल्कि यह विश्वास भी बढ़ेगा कि नगर निगम सभी को समान दृष्टि से देखता है और किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। नगरवासियों ने इस पहल को श्रीनगर को सांप्रदायिक सौहार्द और सुशासन की मिसाल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। यह निर्णय प्रदेश के अन्य निकायों के लिए नजीर बन सकता है, यदि इसे समान रूप से लागू किया जाए।