समलौण एक रीति रिवाज एवं परंपरा–बीरेंद्र गोदियाल
श्रीनगर गढ़वाल। जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकास में थलीसैंण के राजकीय जूनियर हाईस्कूल पाटुली में अध्ययनरत कक्षा 6 के छात्र अभिनव के जन्मदिवस के उपलक्ष में विधालय के समळौ॑ण वन में बा॑ज का समलौण पौधा रोपकर जन्मदिवस को यादगार बनाने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश दिया,पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी स्वयं अभिनव ने ली। कार्यक्रम का संचालन विधालय में कार्यरत सहायक अध्यापक एवं समलौण आन्दोलन के प्रणेता बीरेंद्र दत्त गोदियाल ने किया, उन्होंने कहा कि आजकल वन महोत्सव कार्यक्रम चल रहा है,जो कि एक जुलाई से 7 जुलाई तक चलता है। बच्चों को शिक्षण के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है,ताकि बच्चे अपने जीवन में क्रियात्मक रूप से कार्य कर सकें। उन्होंने कहा पौधो की व्यवस्था विधालय में समलौण पौधशाला हर वर्ष छात्र छात्राओं के द्वारा तैयार की जाती है,जैसे ही जन्मदिवस आने पर पौधशाला से पौध लेकर पौधारोपण का कार्य किया जाता है,आज विधालय में जन्मदिवस,राष्ट्रीय त्यौहार,महापुरुषो के नाम इत्यादि अवसरों पर अनुमानित 500से अधिक विभिन्न प्रजातियों के जैसे बांज,अनार,अमरूद,तेजपत्ता,आंवला,जामुन,सिल्वर ओक,सुराही,मोरपंखी,देवदार,नींबू,नारंगी,मोसमी के समलौण वृक्ष जीवित हैं,जो आज फल भी दे रहे हैं। उन्होंने क्षेत्रवासियों से वृक्षारोपण और उनके संरक्षण करने की अपील की। कार्यक्रम में विधालय के प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र सिंह रावत,सहायक अध्यापक राकेश कुमार बहुगुणा,कुमारी आरुषि,मानसी,राधिका,ज्योति,उत्तम सिंह,प्रिंस आदि छात्र छात्राएं उपस्थित थे।