राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत मसूरी में लोक अदालत का आयोजन, 50 से अधिक मामलों का हुआ निस्तारण
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मसूरी स्थित सिविल न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन किया जिसमें पचास से अधिक वादों का निस्तारण किया गया।
सिविल जज शमशाद अली ने प्राधिकरण सदस्य अधिवक्ता अरविंद चौहान के सहयोग से पचास से अधिक वादों का निस्तारण किया। जिसमें दो वाद सिविल, 10 वाद अपराध, 30 वाद एमवी एक्ट के निस्तारित किए। सिविल जज शमशाद अली ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के तहत लोक अदालत का आयोजन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए किया जाता है। लोक अदालतों का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों का निपटारा करना और पूर्व-मुकदमेबाजी स्तर पर विवादों का समाधान करना है। उन्होने बताया कि लोक अदालतों में, पक्षकारों को एक साथ बुलाया जाता है और मध्यस्थता या समझौता के माध्यम से मामले का समाधान करने की कोशिश की जाती है। लोक अदालत विवादों को जल्दी और कम खर्च में सुलझाने में मदद करती हैं, जिससे लोगों को न्यायालयों में लंबे समय तक इंतजार करने से बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (उत्तराखंड एसएलएसए) लोक अदालतों का आयोजन करता है, जैसे उत्तराखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी. मसूरी में लोक अदालतों का आयोजन करता है। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवता आलोक मेहरोत्रा, अधिवक्ता अरविंद चौहान, वैयक्तिक सहायक कैलाश कन्याल, वरिष्ठ सहायक सुमित निराला, अभियोजन की ओर से कोर्ट मोहर्रिर प्रीति कुंवर, व सुमित बिष्ट आदि मौजूद रहे।