भारत के सन्यासी के हाथ में एक हाथ में शस्त्र एक हाथ में अस्त्र–योगी राजकुमार नाथ चौहान
दिल्ली/श्रीनगर गढ़वाल। आज विश्व हिंदू महासंघ भारत के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री योगी राजकुमार नाथ चौहान ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शस्त्र और अस्त्र का महत्व के महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि शस्त्र और अस्त्र का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है,शस्त्र ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है जबकि अस्त्र शारीरिक शक्ति और रक्षा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि भारत सन्यासी के हाथ में शस्त्र और अस्त्र होता है। 1.प्रतीकात्मक अर्थ में सन्यासी के हाथ में शस्त्र और अस्त्र का होना प्रतीकात्मक है कि यह आध्यात्मिक ज्ञान और शारीरिक शक्ति के संतुलन को दर्शाता है। 2.ऐतिहासिक संदर्भ में हिंदू धर्म में कई ऐसे उदाहरण हैं जहां ऋषि और सन्यासी शस्त्र और अस्त्र का उपयोग करते थे जो उनकी रक्षा और आत्म-रक्षा के लिए होता है।