खोला गांव ने युवा नेतृत्व को सौंपा विश्वास-अभिषेक घिल्डियाल बने निर्विरोध ग्राम प्रधान
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में एक बार फिर लोकतंत्र की असली तस्वीर सामने आई है। जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकास खण्ड खिर्सू के अंतर्गत खोला गांव ने अपने भविष्य की बागडोर एक युवा,कर्मठ और स्वच्छ छवि वाले जनसेवक को सौंप दी है। उप प्रधान के रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके अभिषेक घिल्डियाल (राहुल) को ग्रामीणों ने निर्विरोध ग्राम प्रधान चुन लिया है,एक ऐसा निर्णय जो खोला गांव की एकजुटता,जागरूकता और दूरदर्शिता का प्रमाण है। अभिषेक का चयन न केवल उनकी मेहनत,ईमानदारी और समर्पण को सम्मानित करता है,बल्कि यह भी दर्शाता है कि गांव अब नेतृत्व के लिए उम्र नहीं,योग्यता को आधार बना रहे हैं। चुनाव में कोई नामांकन न पड़ना और सामूहिक सहमति से प्रधान चुना जाना,ग्रामीण लोकतंत्र के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण बन गया है। गांव की बात,गांव के साथ अभिषेक ने अपनी जीत को गांव की जीत बताते हुए कहा,मैं हर एक ग्रामीण का आभारी हूं। आप सबने जो भरोसा जताया है,उसे टूटने नहीं दूंगा। खोला गांव को आगे बढ़ाने में मैं दिन-रात एक कर दूंगा। ग्रामीणों का कहना है कि अभिषेक ने उप प्रधान रहते हुए पारदर्शिता,अनुशासन और सामाजिक भागीदारी की जो मिसाल कायम की थी,उसी का परिणाम है कि पूरा गांव उनके साथ खड़ा नजर आया। नई पीढ़ी,नया सोच खोला गांव का यह फैसला संकेत है कि पहाड़ अब बदलाव के लिए तैयार हैं,और यह बदलाव नई पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित है। ऐसे में अभिषेक जैसे युवा जनप्रतिनिधि न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाते हैं,बल्कि समाज में सकारात्मक सोच,नवाचार और जागरूकता भी फैलाते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को मिली मजबूती अभिषेक का निर्विरोध चुना जाना यह भी सिद्ध करता है कि जब गांव समाज में संवाद,सहयोग और विश्वास की भावना प्रबल होती है,तो लोकतंत्र अपने श्रेष्ठतम रूप में प्रकट होता है। संक्षेप में-खोला गांव का यह चुनाव नहीं,एक संदेश है-जहां नेतृत्व नारे नहीं,नीयत से चुना जाता है,जहां प्रधान पद सेवा का पर्याय है,सत्ता का नहीं। खोला क्षेत्र वासियों को बधाई,अभिषेक को शुभकामनाएं,उत्तराखंड की पंचायत राजनीति को एक नई ऊर्जा मिली है।