Monday 17/ 11/ 2025 

Bharat Najariya
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गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर महंत परंपरा में शामिल हुए महेश गिरि-महंत नितिन पुरी नागेश्वर ने दी गुरु दीक्षा

श्रीनगर गढ़वाल। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर नागेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एक आध्यात्मिक व ऐतिहासिक आयोजन सम्पन्न हुआ। पूज्य महंत नितिन पुरी नागेश्वर ने विधि-विधान के साथ अपने शिष्य महेश गिरि को दशनामी गोस्वामी समाज की परंपरा के अनुसार गुरु मंत्र देकर उन्हें महंत परंपरा में विधिवत रूप से दीक्षित किया। इस शुभ अवसर पर सर्वप्रथम महंत नितिन पुरी द्वारा महेश गिरि का मिट्टी,दूध,दही,घी व रेत आदि से रुद्राभिषेक किया गया। इसके पश्चात उनका केश मूंडन कर वैदिक विधियों से हवन एवं पूजा-अर्चना की गई। विधिवत गुरु दीक्षा के साथ अभिषेक पट्टा पहनाकर उन्हें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी घोषित किया गया। गौरतलब है कि दशनामी संप्रदाय आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित एक प्राचीन वैदिक परंपरा है,जो शैव मत के संन्यासियों और गृहस्थों को दस नामों-गिरि,पुरी,भारती,वन,अरण्य,सागर,आश्रम,सरस्वती,तीर्थ और पर्वत के माध्यम से जोड़ता है। महेश गिरि अब इस दिव्य परंपरा के महंत रूप में नवनियुक्त हुए हैं। इस पावन आयोजन में कुल पुरोहित पंडित रवि बहुगुणा,पंडित दयाराम ममगांई,पंडित जगदम्बा उनियाल एवं पंडित आयुष सेमवाल ने समस्त गुरु दीक्षा एवं अभिषेक पूजन को विधिवत संपन्न कराया। नागेश्वर महादेव मंदिर पर शीश नवाते हुए आरती की गई,जिसके पश्चात महंत नितिन पुरी ने पुष्पाभिषेक कर महेश गिरि को गुरु परंपरा में सम्मिलित किया और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु आशीर्वाद सहित आदेशित किया। महंत महेश गिरि ने अपने गुरु के चरणों में श्रद्धा सहित वंदन कर गुरु वाक्य को आजीवन सिरोधार्य करने का संकल्प लिया। इस आयोजन में भक्ति,परंपरा और गुरु-शिष्य की दिव्यता का अनोखा संगम देखने को मिला,जो उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव रहा। सनातन धर्म की जय,गुरु परंपरा अमर रहे।