Thursday 31/ 07/ 2025 

Bharat Najariya
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स्वास्थ्य विभाग पौड़ी द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस व विश्व दृष्टि दिवस पर एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर छात्र-छात्राओं लिए जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। आज स्वास्थ्य विभाग पौड़ी द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के एन.एस.एस.छात्र छात्राओं के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.प्रवीण कुमार की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ.आशीष गुसाई द्वारा कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता थीम के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के बारे में छात्र छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी उनके द्वारा कहा गया कि वर्तमान समय में मानसिक बीमारी दुनिया भर में एक गंभीर समस्या है 90 प्रतिशत सुसाइड किसी न किसी मानसिक बीमारी के कारण होते हैं हमे अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी प्राथमिकता से ध्यान रखना चाहिए मानसिक बीमारी से व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में आशाहीन महसूस करने के साथ ही मादक पदार्थों का अधिक सेवन करता है व्यक्ति की दिनचर्या में बदलाव होने लगता है व्यक्ति ब्लड प्रेशर,मधुमेह,इम्यूनिटी में कमी,सर दर्द,नींद ना आना जैसी शारीरिक परेशानियों का सामना करता है उनके द्वारा बताया गया कि तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए सकारात्मक सोच,योग,ध्यान,प्राणायाम एवं संतुलित दिनचर्या के साथ ही मानसिक बीमारी के प्रति जागरूक रहें उनके द्वारा कहा गया कि तंबाकू,शराब और नशीले पदार्थों से दूर रहें पर्याप्त नींद लें मोबाइल से दूरी रखे,अपने दोस्तों व परिवार जनों के संपर्क में रहने के साथ ही अपनी भावनाओं को उनसे साझा करें सक्रिय और मनोरंजक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखें। उनके द्वारा कहा गया कि यदि सामान्य व्यक्ति के व्यवहार में किसी भी तरह का परिवर्तन हो चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। आंखो की सुरक्षा को लेकर नेत्र सर्जन डॉ.मोहित कुमार द्वारा छात्र छात्राओं से विचार साझा किए गए उनके द्वारा कहा गया कि,हम अपनी आखों से पूरे संसार को देखते है,बिना नेत्रों के मानव जीवन अधूरा है इसलिए हमारा भी कर्तव्य है कि हम अपनी आखों की देखभाल के प्रति सजग रहें सभी व्यक्तियों को दृष्टि का अधिकार है,वो तभी हो सकता है जब आम जनमानस इसके लिए जागरुक हो। आखों में किसी भी तरह की परेशानी को नजर अदांज नही करना चाहिए साथ ही जो व्यक्ति चस्मे का प्रयोग करते है,उन्हे भी हर 6 माह में अपने नजदीकी नेत्र चिकित्सालय में जाकर अपनी आखों का परिक्षण करवाने के साथ ही नेत्र विषेशज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। आज के समय में बच्चों में आखों की कमजोरी अधिक देखी जा रही है हम बाल्यावस्था में ही अन्धता को रोक सकते है,इसके लिए माता पिता को जागरुक होना जरुरी है यदि बच्चे की आखं में तिरछापन,भेंगापन है तो उसको भी प्रारम्भिक अवस्था मे पहचान कर उसका उपचार किया जा सकता है आवश्यकता है जन समूदाय इस ओर ध्यान दे और अपने आस पास के लोगों को भी जागरुक करें उन्होने कहा कि आज के समय में आखों से सम्बन्धित बिमारियों का उपचार एवं अन्धेपन से बचाव संभव है,जिसका पता समय रहते चल जाना चाहिए जीवन में आखों की विशेष महत्ता है,इस लिए स्वयं के साथ ही अपने पारिवारिक सदस्यों को भी समय-समय पर आखों की जाचं के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि डायबिटीज और,हाईपरटेंशन के मरीजों को अपनी आखों के प्रति विशेष सचेत रहना चाहिए। कार्यक्रम समन्वयक जिला अंधता निवारण समिति पौड़ी से नृपेश तिवारी द्वारा कहा गया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत भी अन्धता निवारण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है,जिसमें विद्यालयों में बच्चों का निःशुल्क नेत्र परीक्षण किया जाता है,जिन बच्चों में दृष्टि दोष पाया जाता है,उनको जिला अन्धता निवारण समिति की ओर से निःशुल्क चस्मे वितरित किये जाते हैं आम जनमानस तक सुविधा पहुंचे इसके लिए लगातार विभागीय प्रयास जारी हैं आखों की रोशनी को बनाये रखने के लिए संतुलित आहार ले,हरी सब्जियों एवं फलों का प्रयोग करें, कम्प्यूटर व अंधेरे में लंबे समय तक मोबाइल का प्रयोग न करें धूप में अच्छी गुणवत्ता के चस्मे पहनें एवं लगातार कार्य करने पर 20 सेकेण्ड अपनी आखों को आराम दें और नियमित रुप से अपनी आखों की जांच करवाते रहें। कार्यक्रम में राज्य नोडल अधिकारी एन.एस.एस.प्रो.राकेश नेगी,प्रभारी अधिकारी एन.एस.एस.डॉ.अनुराही,मनमोहन देवली,शकुंतला नेगी के साथ ही कालेज के छात्र छात्राएं मौजूद रहे।