Saturday 19/ 07/ 2025 

Bharat Najariya
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मसूरी में दषहरा मेले की धूम, बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर रावण का हुआ दहन



पहाड़ों की रानी मसूरी में दशहरे का पर बड़ी धूमधाम के साथ मनाया । सनातन धर्म मंदिर समिति मसूरी के नेतृत्व में अनुष्ठान के तहत देवी-देवताओं की पोशाक पहने कलाकारों की लगभग एक दर्जन झांकियां सड़कों पर उतरीं जो सभी के लिये आक्रर्णण का केन्द्र रही। भागवान श्री राम जी की भव्य षोभा यात्रा और डोली निकाली गई जिसका सभी मौजूद भक्तों ने आर्षिवाद लिया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मसूरी के सनातन धर्म मंदिर पहुंचे और भगवान श्री राम की पूजा अर्चना की व देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। वहीं दूसरी ओर मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा मसूरी के सिलर्वटन ग्राउंड पार्किंग पर आयोजित दशहरे मेले का भी शुभारंभ किया इस मौके पर विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए थे जो सभी के लिये आकर्षण का केंद्र रही वह छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबके मन को मोह लिया। वही देर शाम को मसूरी के सिल्वर्टन पार्किंग ग्राउंड और गांधी चौक पर रावण का दहन हुआ। देर शाम को हिमाचली गायक विक्की चौहान के नाम रही। दर्शक देर शाम तक झूमते रहे। विक्की चौहान ने जब मंच संभाला तो दर्शकों ने सीटियां बजाकर उनका स्वागत किया. विक्की ने ढोलिया बजाई दे तू ढोलों, सही पकड़े हैं, से शुरुआत की. इसके बाद भाई री सालिये.. तेरे पतली कमरे गाची.. झुमके-झुमके.. कानो रे झुमके. गीत पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. विक्की चौहान नीरू चाली घूमदी.. गीत पर प्रस्तुति दी जिस पर युवाओं ने जमकर डांस किया।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सभी देश और प्रदेशवासियों को दशहरे के पावन पर की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरे देश में दशहरे का पर्व मना का बुराई के प्रतीक रावण का दहन कर रहे है। उन्होंने कहा कि रावण का मतलब बुराई से है आज बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है उन्होंने कहा कि हम सब के अंदर भी कोई ना कोई रावण होता है आज हम सब को संकल्प लेना होगा कि अपने अंदर के रावण को हम समाप्त करेंगे तो हमारा दशहरा का पर्व को मनाना सार्थक होगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है क्योकि अपने पिता की आज्ञा मानकर वनवास जाना शहर स्वीकार किया और उन्होंने कहा कि वनवास तो भगवान श्री राम को हुआ था परंतु उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ वनवास में गए और 14 वर्ष तक उनके भाई भरत ने राज सिंहासन खाली रखा और अपने भाई का इंतजार करते परंतु आज के युग में ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिलता है उन्होंने कहा कि अगर हम रामलीला के सभी पात्र को जीवन में उतरेंगे जिससे आज के समय में जो समाज में विषमताएं हैं वह दूर होगी। और आज हमें संकल्प लेना होगा कि हमारे अंदर की बुराई को हम हर हाल में समाप्त करेंगें।
राकेश अग्रवाल ने कहा, ष्दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। हम एक परंपरा को जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे दुर्भाग्य से युवा पीढ़ी दूर होती जा रही है। पिछले नौ दशकों से चलाए जा रहे इस वार्षिक अनुष्ठान का विशेष महत्व है और इसे पूरे पहाड़ी राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है। यह जुलूस न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है, बल्कि यह उन निवासियों के जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो इस परंपरा को जीवित रखना चाहते हैं। उन्होने कहा कि दशहरा का नाम दश और हरा दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है दस दिनों के त्योहार का हरण. इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण के साथ युद्ध करके असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त करी थी. मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए भी शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि को ये उत्सव मनाया जाता है. कई जगह पर इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है।
रुड़की के मूल निवासी 73 वर्शिय ठाकुर चंद्रभान जुलूस का एक अभिन्न हिस्सा हैं और पिछले 50 वर्षों से भगवान हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं। चंद्रभान ने कहा, ष्मुझे इस परंपरा का हिस्सा होने पर गर्व है और जब तक मैं जीवित हूं, तब तक ऐसा करता रहूंगा।
इस मौके पर मोहन पेटवाल, कुषाल राणा, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, राकेष रावत, जगजीत कुकरेजा, अतुल अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, पुश्पा पडियार, नागेन्द्र उनियाल, राकेष ठाकुर, अनिल सिंह अन्नू, जोगिन्दर कुकरेजा, अजय सोदियाल, मनोज रेंगवाल, सौरभ खन्ना,उमेद कुमाई सहित कई लोग मौजूद थे।