Friday 18/ 07/ 2025 

Bharat Najariya
Hello testingराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज ऋषिकेश से पंज प्यारों की अगुवाई में श्री हेमकुंट साहिब यात्रा के लिए जाने वाले प्रथम जत्थे को रवाना किया।Uttrakhand News:बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी निजी, व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश होगा महंगाUttrakhand News:बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी निजी, व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश होगा महंगापूर्व पार्षद ने‌ लगाई जानमाल की सुरक्षा की गुहार, पुलिस के रवैए से हैं नाराजहल्द्वानी में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निकलेगी तिरंगा यात्राएक्सक्लूसिव खबर: लोनिवि इंजीनियर की सेवा पुस्तिका हुई गायब, अधिकारियों व कर्मचारियों से मंगाए दो मुट्ठी चावल, देवता करेंगे न्यायगवर्नमेंट पेंशनर्स का शिष्टमंडल हल्द्वानी विधायक से मिला, समस्याओं के समाधान की मांग उठाईAlmora News :विकास भवन सभागार में मंगलवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक का किया गया आयोजन,अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने की बैठकAlmora News:जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने चितई गोलू मंदिर का किया भ्रमण।मंदिर के सुदृढ़ीकरण को लेकर हुआ विचार विमर्श।

देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। चिकित्सा पेशा का मूल उद्देश्य जन सेवा होना चाहिये इसके अलावा एक बेहतर चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच भी जरूरी है ताकि अपने पेशे में आने के बाद चिकित्सक मरीजों की संवेदनाओं को समझ कर बेहतर उपचार दे सके। इसके लिये एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इन सभी बातों पर अमल करते हुए अपने आचरण में उतारना होगा ताकि भविष्य में एक सफल चिकित्सक बन सके। यह बात प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित ‘चरक शपथ ग्रहण’ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। डॉ. रावत ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि एक सफल चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच के साथ प्रशिक्षण लेना जरूरी है ताकि मरीजों की संवेदनाओं को समझते हुये उन्हें बेहतर उपचार दे सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशे का मुख्य उद्देश्य मानव सेवा होना चाहिये तभी चरक शपथ का उद्देश्य पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज के साथ ही चिकित्सकों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद चिकित्सकों को समाज में विशेष दर्जा प्राप्त है। जिसको ध्यान में रखते हुये चिकित्सकों को भी मरीजों एवं उनके तीमारदारों से मधुर व्यवहार रखना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों में ढांचागत व्यवस्था के साथ ही आधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों की व्यवस्था कर रही है। इसके अलावा कॉलेजों में पर्याप्त फैकल्टी,पैरामेडिकल स्टॉफ व तकनीकी स्टॉफ की भी तैनाती निरंतर की जा रही है ताकि यहां अध्ययनरत एमबीबीएस छात्रों को हर प्रकार की सुविधाएं मिल सके। सरकार का यह भी प्रयास है कि आने वाले दो वर्षों में राज्य के प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 100-100 सीटें स्वीकृत कराई जाय इसके लिये समय-समय एनएमसी को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। डॉ.रावत ने कहा कि शीघ्र ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को 53 प्रोफेसर,103 एसोसिएट प्रोफेसर व 440 असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जायेगी। साथ ही संविदा पर कार्यरत शिक्षकों के वेतनमान में भी बढ़ोत्तरी की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की किसी भी प्रकार की कमी न रहे। इस दौरान उन्होंने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को चरक शपथ दिलाते हुये कहा कि व्हाइट कोट हमें एक चिकित्सक के रूप में पहचान दिलाता है साथ ही हमें इस जिम्मेदारी को निभाने के लिये प्रतिबद्ध करता है। जो याद दिलाता है कि हमारे हाथों में किसी का जीवन है और हमें इसकी रक्षा करनी है। उन्होंने छात्रों को यह भी शपथ दिलाई कि हम अपने ज्ञान,क्षमता और संवेदनाओं के साथ मानवता की सेवा करेंगे। इस अवसर पर कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो.एम.एल.ब्रह्म भट्ट,निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ.आशुतोष सयाना,प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ.गीता जैन,अपर निदेशक डॉ.आर.एस.बिष्ट,संयुक्त निदेशक डॉ.एम.सी.पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी व एमबीबीएस छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।