Monday 17/ 11/ 2025 

Bharat Najariya
सहकारी मेलों में चार लाख किसानों की भागीदारी का लक्ष्य–डॉ.धन सिंह रावतआपात स्थिति पर त्वरित प्रतिक्रिया हेतु पुलिस-एसडीआरएफ और सभी विभागों ने मिलकर जनपद में किया संयुक्त आपदा मॉक ड्रिल का अभ्यासप्रो.प्रशांत कंडारी बने गढ़वाल विश्वविद्यालय के नए डीन,एकेडमिक अफेयर्स नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को मिलेगी गति10 दिन वेंटिलेटर पर जिंदगी से लड़ता रहा तीन माह का मासूम-बेस अस्पताल श्रीनगर की टीम ने दी नई जिंदगीपीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से उत्तराखंड को दी तीन आवासीय छात्रावासों की सौगातराज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता के दूसरे दिन रोमांचक हुए मुकाबलेप्रो.डी.एस.नेगी बने एमएमटीटीसी के नए निदेशक,शिक्षक प्रशिक्षण को मिलेगी नई दिशाआपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय जरूरी–जिलाधिकारीवंदे मातरम की गूंज से गूंजा शिशु मंदिर-राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुशुम कंडवाल ने बच्चों संग बांटी राष्ट्रभक्ति की ऊर्जायुवा पीढ़ी को बिरसा मुंडा के आदर्शों से ऊर्जा लेने की जरूरत–प्रो.डोढ़ी

बेजुबानों के लिए नई मिसाल बनी दिविषा भट्ट,जन्मदिन पर गौशाला में चारा व सिलेज वितरण कर पेश की अनूठी पहल

श्रीनगर गढ़वाल। जहां आज की युवा पीढ़ी जन्मदिन को केवल उत्सव और पार्टी के रूप में मनाने में व्यस्त है,वहीं श्रीनगर गढ़वाल की एक बालिका दिविषा भट्ट ने अपनी सोच और कार्य से समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। दिविषा भट्ट,पुत्री डॉ.भारत भट्ट ने अपने जन्मदिन के अवसर पर केक न काटकर नगर निगम गौशाला पहुंचकर वहां रहने वाले गोवंशों को चारा (सिलेज) व गुड़ खिलाकर अपने जीवन के विशेष दिन को सेवा और संवेदनशीलता के रूप में मनाया। दिविषा ने अपने माता-पिता से पहले ही आग्रह किया था कि इस वर्ष वह कोई पार्टी या उपहार नहीं चाहती,बल्कि उन बेजुबान पशुओं के लिए कुछ करना चाहती है,जिनकी देखभाल आमतौर पर समाज की प्राथमिकता नहीं होती। इस अवसर पर गो सेवा संवर्धन समिति के मीडिया प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद बड़थ्वाल ने दिविषा की इस सोच की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि,आज समाज में ऐसे बच्चों की सोच ही समाज को दिशा देती है। जहां अधिकांश लोग जन्मदिन पर फिजूल खर्ची करते हैं,वहीं दिविषा जैसी बच्चियां हमें यह सिखा रही हैं कि बेजुबानों के प्रति करुणा और सेवा का भाव ही असली संस्कार है। गौशाला में उपस्थित नगर निगम कर्मचारी,दिविषा के परिजन डॉ.भारत भट्ट,कविता भट्ट,गौरी शंकर भट्ट,और समिति के अन्य सदस्यों ने इस नेक कार्य में सहयोग दिया। दिविषा का यह छोटा लेकिन भावनात्मक कदम न केवल प्रेरणादायक है,बल्कि समाज को यह सोचने पर विवश करता है कि जन्मदिन जैसे खास मौकों को अगर हम सेवा और संवेदनशीलता से जोड़ दें तो वह सच में जन्म-दिन बन जाता है-दूसरों के लिए जीवन देने वाला दिन।